Videshi Vyapar Se Kya Aashay Hai: जब किसी भी देश द्वारा अन्य देश के साथ व्यापार के तौर पर कोई संबंध बनाया जाता है, तो उसे विदेशी व्यापार के नाम से भी पहचाना जाता है। विदेशी व्यापार आज के समय में हर देश में हो रहा है। क्योंकि एक देश में सभी वस्तुएं बनाना और सभी वैरायटी बनना संभव नहीं होता है।
कई बार ऐसा भी होता है कि मनुष्य अपनी पसंद की वजह से विदेशी व्यापार को बढ़ावा देता है। विदेशी व्यापार जिसकी वजह से सभी देशों की आर्थिक स्थिति में संतुलन बना रहता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको विदेशी व्यापार से क्या आशय है?(Videshi Vyapar Se Kya Aashay Hai) इसके बारे में डिटेल में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
विदेशी व्यापार क्या होता है
मनुष्य की आवश्यकता सीमित नहीं होती है जब मनुष्य थोडा को मिलता है। तो मनुष्य उससे अधिक पाने की चाहत में रहता है और इसी के चलते देश और विदेशों से व्यापार के संबंध बनाना शुरू होते हैं। कई ऐसी मनुष्य की आवश्यकताओं की वस्तुएं होती है जो देश में नहीं मिल पाती है और उसी वजह से कुछ वस्तुओं को विदेशों से मंगवाना पड़ता है।
भारत की नई ही नहीं अन्य देशों की भौगोलिक परिस्थितियां सही नहीं है। जिसकी वजह से देश अपने लोगों की सभी प्रकार की वस्तुओं की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हो पाता है और ऐसे में विदेशों से कई वस्तुएं मंगवानी पड़ती है। लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से मंगवाई जाने वाली वस्तुएं या खरीदी जाने वाली वस्तुएं विदेशी व्यापार को जन्म देती है।
विदेशी व्यापार से क्या आशय है? Videshi Vyapar Se Kya Aashay Hai

Videshi Vyapar Se Kya Aashay Hai: जब दो या दो से अधिक देशों के साथ होने वाले वस्तुओं के आयात और निर्यात की प्रक्रिया को विदेशी व्यापार कहा जाता है। हर देश के लिए विदेशों के साथ व्यापार करना बहुत जरूरी हो गया है। क्योंकि हर प्रकार की वस्तु का निर्माण देश में कर पाना संभव नहीं होता है। ऐसे में विदेशों से वस्तुएं मंगवानी पड़ती है। दो देशों के बीच परस्पर होने वाले वस्तुओं के विनिमय को विदेशी व्यापार का नाम दिया जाता है।
विदेशी व्यापार के प्रकार
विदेशी व्यापार मुख्य तौर पर तीन प्रकार का होता है
1.आयात : किसी भी देश से जब कोई वस्तु खरीदी जाती है या किसी देश से कोई माल मंगवाया जाता है तो उसे आयात कहा जाता है।
2.निर्यात : किसी भी देश को अपने देश के द्वारा बनाई गई वस्तु बेचना या अपने देश से वस्तुओं को अन्य देशों में भेजना निर्यात कहलाता है।
3.पुन: निर्यात : कई देशों के बीच ऐसे संबंध भी होते हैं जो वस्तुओं को आयात करके पुनः उसी देशों में बेचते हैं उन्हें पुनर निर्यात कहा जाता है।
विदेशी व्यापार की जरूरत क्यों है
हर देश को विदेशी व्यापार की जरूरत रहती है। कई देशों को अपने उत्पाद बेचने के लिए विदेशी व्यापार की जरूरत रहती है। तो कई देशों को अपने देश में वस्तुएं मंगवाने के लिए विदेशी व्यापार की जरूरत रहती है। विदेशी व्यापार की कई जरूरत है जिसकी जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं:
- विदेशी व्यापार के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति को सही किया जा सकता है।
- विदेशी व्यापार के माध्यम से एक देश से दूसरे देश के बीच संबंध मजबूत बनते हैं।
- विदेशी व्यापार के माध्यम से उत्पाद की बिक्री में वृद्धि लाई जा सकती है।
- विदेशी व्यापार के माध्यम से विदेशों की मुद्रा को अर्जित करने का एक बेहतरीन जरिया भी माना जाता है।
निष्कर्ष
हर देश को विदेशी व्यापार करने में दिलचस्पी रहती है। कई लोग अपनी जरूरतों के अनुसार व्यापार करते हैं तो कई अपने दिलचस्पी के आधार पर व्यापार करते हैं। आज के आर्टिकल में हमने आपको विदेशी व्यापार से क्या आशय है?(Videshi Vyapar Se Kya Aashay Hai) इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को हमारे इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल है तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।
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