IDBI full form in Hindi

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IDBI full form in Hindi

IDBI क्या है?

सबसे पहले हम जान लेते हैं कि आईडीबीआई (IDBI) की फुल फॉर्म क्या है।
हिन्दी में IDBI को “भारतीय औद्योगिक विकास बैंक”(Industrial Development Bank of India-IDBI BANK)कहते है।

इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
सन् 1964 में भारतीय औद्योगिक विकास के लिए ऋण व अनेक वित्तीय सुविधाएं जनता को उपलब्ध कराने के लिए इसे बनाया गया था, सरल शब्दों मे कहे तो यह भारत सरकार द्वारा जारी 22 जून 1964 की अधिसूचना के तहत 01 जुलाई 1964 से अस्तित्व में आया।
अतः इस बैंक ने उद्योग जगत में पहले 01 जुलाई 1964 से 30 सितंबर 2004 तक विकास वित्तीय संस्था (डीएफआई) के रुप में कार्य किया और 01 अक्टूबर 2004 से यह बैंक एक पूर्ण रूप से वाणिज्यिक बैंक बन गई।
यह भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने वाली कंपनी है।
आईडीबीआई बैंक की गिनती भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंकों में की जाती है।
आईडीबीआई बैंक ने पिछले 55 वर्षों के दौरान राष्ट्र निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। दुबई में बैंक सहित 3900 एटीएम केंद्र और 2000 शाखाएं हैं।
प्रारंभ में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक की सहायक कंपनी के रूप में संचालित किया गया था। और फिर आरबीआई (RBI) ने इसे भारत सरकार को हस्तांतरित कर दिया।
इस बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विकास में आने वाली समस्याओं को दूर करना तथा औद्योगिक विकास विकास के प्रवर्तन में प्राथमिकताओं को ॠण प्रदान करना है।
भारतीय उद्योग के विकास के लिए ॠण और अन्य वित्तीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक अधिनियम था।
भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (Industrial Development Bank of India-IDBI BANK) स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया है कि उसके बोर्ड ने 19 मार्च 2022 से प्रभावी 3 साल की अवधि के लिए राकेश शर्मा(Rakesh Sharma) को बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में किसे नियुक्त करने की मंजूरी दी है।
29 जून 2018 को एलआईसी (LIC) ने आईडीबीआई(IDBI) बैंक में अपने नियंत्रण को 51% तक की वृद्धि करने के लिए आई आर डी ए आई (IRDAI) से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की। एलआईसी (LIC) ने 21 जनवरी,2019 को आईडीबीआई (IDBI) बैंक का बहुमत शेयरधारक बनते हुए कंपनी के नियंत्रण का 51% अधिग्रहण पूरा कर लिया।
कंपनीज एक्ट ,1956 के तहत आईडीबीआई (IDBI) बैंक को सरकार ने पब्लिक फाइनेंस इंस्टीट्यूशन यानी के सार्वजनिक वित्तीय संस्थान घोषित किया, आईडीबीआई बैंक 2007 तक वित्तीय संस्थान के रूप में काम करता रहा।
यह भारत का प्रमुख पब्लिक क्षेत्र का बैंक है जो की भारत देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नव भारतीय उद्योगों के विकास के लिए क्रेडिट और अन्य वित्तीय सुविधाओं को प्रदान करना था। इस बैंक का कंट्रोल और संचालन सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा किया जाता है, और इस में कार्य करने वाले कर्मचारी केंद्र सरकार के कर्मचारी कहे जाते हैं।
इस बैंक का उद्देश्य व्यक्तिगत बैंकिंग और वित्तीय समाधान प्रदान करना भी है।
इस बैंक का Official Financial विकास रणनीति को अपनाने का मुख्य उद्देश्य कृषि उद्योग की Regional ॠण जरूरतों को पूरा करना था, ताकि हमारे देश में अच्छे और सस्ते उद्योग लग सके इसके साथ ही स्वदेशी की बिक्री से उत्पन्न होने वाले एक्सचेंज के बिलों के पूनमुद्रण के माध्यम से आस्तगन भुगतान किया।
सभी हितधारकों के लिए मूल्य को बढ़ाते हुए इसकी दृष्टि एक अत्यधिक पसंदीदा विश्वसनीय बैंक होना है।
वर्तमान समय की बात करें तो इसकी गणना भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंकों में की जाती है।
इस प्रकार से यह व्यक्तिगत बैंकिंग के साथ ही फाइनेंस के समाधान हेतु भी सुविधाएं प्रदान करता है।
पहुंच की अवधि में यह दुनिया का 10 वां सबसे बड़ा बैंक है, इसमें 2912 एटीएम, और 1602 शाखाएं और 1013 केंद्र है, जिसमें सिंगापुर और बीजिंग में दो विदेशी केन्द्र भी इसके अंतर्गत शामिल है।
आईडीबीआई(IDBI) बैंक की कृषि क्षेत्र में एक मजबूत उपस्थिति है, जिसमें अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और समर्पित कार्यबल है जो दैनिक कार्यों को निर्देशित करता है।

ये बैंक दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई में 5 सत्रह अध्ययन के माध्यम से संचालित होता है, जबकि इसका मुख्य कार्यालय मुंबई में स्थित है,
40 वर्षों से आईडीबीआई बैंक में राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अपनी संरचना और मजबूत कार्यशील पूंजी के कारण ही आज विश्व में सबसे बड़े बैंकों मैं अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
वर्तमान में, इसके कारोबार में मर्चेंट बैंकिंग, स्टॉक ब्रौकिंग, वित्तीय उत्पादों का वितरण, कॉर्पोरेट सलाहकार सेवाएं, ऋण व्यवस्था और अंडरटेकिंग, पेंशन फंड संबंधी पोर्टफोलियो प्रबंधन अनुसंधान सेवाएं सम्मिलित है।
अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझने के लिए प्रतिबंध तथा निरंतर वित्तीय समाधान एवं उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करना इसका महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
यह बैंक सभी ग्राहक खंडों को उत्पाद और सेवाओं की व्यापक श्रंखला प्रदान करता है, आईडीबीआई ने अपने कारोबार में सेवाओं की श्रंखला शामिल करने के लिए परियोजना वित्त पोषण के क्षेत्र से बाहर निकल कर अपने कैनवास को व्यापक बनाया जिससे उद्योगों की संतुलित भौगोलिक विस्तार, पिछड़े क्षेत्रों के विकास और एक संजीदा मजबूत पूंजी बाजार के विकास को बल मिला।
आईडीबीआई बैंक की पहचान भारत के अग्रणी और सबसे तेज गति से प्रगति करने वाले बैंक के रूप में की जाती है,
यह बैंकिंग समाधानों के संबंध में अत्यंत सकेंद्रित दृष्टिकोण के साथ ग्राहक केंद्रित संबंध में विश्वास रखते हैं।
आईडीबीआई बैंक, अपने हितधारकों के मूल्यों में समृद्धि करते हुए, अपने को ‘सबसे पसंदीदा और विश्वसनीय बैंक’ के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अपने व्यापक कारोबार संबंधी कार्यकलापों को प्रदर्शित करने के लिए आईडीबीआई लिमिटेड ने अपना नाम बदलकर आईडीबीआई बैंक लिमिटेड रख लिया।
तथा अपने कारोबार की समृद्धि की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने अपनी सहायक संस्था पूर्ववर्ती आईडीबीआई बैंक, आईडीबीआई होम फाइनेंस लिमिटेड, आईडीबीआई गिल्ट्स तथा पूर्वर्ती यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक को कुस समय अंतराल के साथ अपने में विलय कर लिया।
आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के संस्थागत अतंनियमों के अनुसार केंद्र सरकार कंपनी के शेयरधारकों की होगी तथा उसका अंश कंपनी की चुकता पूंजी से कभी भी 51 प्रतिशत से कम नहीं होगा।
वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक के समान एक सार्वजनिक बैंक है, जिसकी 77 प्रतिशत पूंजी सरकार के पास है।

Conclusion
इस प्रकार हमने IDBI (भारतीय औधोगिक विकास) के बारे में पूर्णयता रुप से सरल व सहज शब्दो मे जानकारी हासिल कराने की कोशिश की है,
आशा करते हैं की हमारा ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।

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