FRP FULL FORM IN Hindi

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FRP FULL FORM IN HINDI

पूरे विश्व में भारत एक कृषि प्रधान देश है। यह देश कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला देश है। यहां की अधिक से अधिक जनसंख्या खेती करती है। यहां की जलवायु सभी देश की तुलना में बहुत ही अच्छी मानी जाती है इसलिए यहां पर बहुत ही अलग-अलग प्रकार की फसलें उगाई जाती है। भारत में गेहूं धान और गन्ने की फसल प्रमुख फसलों में मानी जाती है। गन्ना का उपयोग भारत में बहुत सी चीजें बनाने में होता है। गन्ने से गुड़ चीनी बनाई जाती है। चीनी और गुड़ दोनों ही उपयोगी होती है, और यह बिकता भी बहुत अच्छे दाम पर है, इसीलिए बहुत से किसान गन्ना की पैदावार करते हैं जो किसान गन्ना की पैदावार करते हैं वह किसान इस गन्ने को मार्केट में बेचते हैं। उन्हें उचित मूल्य प्राप्त होता है। गन्ने के मूल्य में एक FRP नियम भी होता है। एफआरपी मतलब किसानों द्वारा दी गई फसलों का उचित मूल्य । जिसका गन्ने की मूल्य पर बहुत असर पड़ता है।
एफआरपी क्या होता है? फुल फॉर्म क्या है? इसके क्या फायदे हैं? इसके बारे में हम इस आर्टिकल में
आपको पूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

FRP full form in English: “Fair And Remununerative Price”.

FRP full form in Hindi : उचित और लाभकारी मूल्य है।

एफ आर पी किसानों द्वारा उगाई जाने वाली फसलों की उचित मूल्य है जो सरकार द्वारा उन्हें दी जाती है। यह किसानों के लिए लाभकारी भी होती है। एफआरपी गन्ना किसानों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित एक न्यूनतम मूल्य है। किसान गन्ने की फसल को बेचते हैं और चीनी मिल को इस न्यूनतम मूल्य पर किसानों से गन्ना खरीदना पड़ता है। कृषि लागत और मूल्य आयोग सीएसीपी हर साल एफआरपी की सिफारिश करके गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादक की कीमतों के लिए सीएसीपी सरकार को अपनी सिफारिश भेजता है। इसके बाद उसी सिफारिश पर विचार करने के बाद सरकार द्वारा इसे लागू किया जाता है। गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के तहत एफआरपी द्वारा निर्णय लिया जाता है। एफआरपी नियम केंद्र सरकार के द्वारा लगाया जाता है जिसका फायदा किसानों को ही होता है। एफआरपी में अगर गन्ने की फसल के बारे में बात की जाए तो हर वर्ष इसका मूल्य बढ़ता ही रहता है। गन्ना मील की मार्केटिंग हर साल अक्टूबर से सितंबर तक विपणन वर्ष रहताहै। जिसमें हर साल गन्ना पेराई सत्र आरंभ होने के पहले केंद्र सरकार द्वारा एफआरपी की घोषणा कर दी जाती है। चीनी मिलों को न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादक किसानों को देना होता है परंतु यूपी और तमिल तमिलनाडु इसके अलावा बहुत से ऐसे राज्य है जो खुद ही गन्ना की जो दरें हैं उनकी घोषणा करते हैं। SAP मूल्य एफआरपी के ऊपर होता है और किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिलता है। एसएपी नियम के कारण एफआरपी से किसानों को होने वाला फायदा ऐसे कीमत में जो बढ़ोतरी होती है उससे देश के सभी किसानों को फायदा नहीं होता क्योंकि जिन राज्य में गन्ने का उत्पादन ज्यादा होता है वह अपनी फसल की कीमत खुद ही तय करते हैं। जिससे एस ए पी स्टेट एडमिट एडवाइजरी प्राइस का आ जाता है। उत्तर प्रदेश पंजाब और हरियाणा राज्य में सर्वाधिक गन्ने की फसल होती है। इसलिए इन राज्यों के किसान अपनी फसल के लिए एसएपी खुद ही तय करते हैं। मुख्यतः एस ए पी का जो मूल्य है वह केंद्र सरकार के
एफ आर पी मूल्य से ज्यादा होता है, लेकिन वर्तमान में वृद्धि होने की बजाय एफ आर पी ₹285 प्रति क्विंटल है। तो उत्तर प्रदेश में गन्ने की सामान्य किस्म के लिए भी ₹315 प्रति क्विंटल होगा इस तरह इन राज्यों के किसानों को केंद्र सरकार के द्वारा राज्य में एफआरपी बढ़ाने से किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलेगा जा एसपी की व्यवस्था लागू है।
conclusion
हमने इस आर्टिकल में आपको एफआरपी के बारे में बताया है। एफआरपी मतलब किसानों की फसलों का उचित मूल्य जो सरकार ने देती है। इस आर्टिकल में हमने आपको एफ आर पी की फुल फॉर्म क्या है? एफआरपी के क्या फायदे है?एफआरपी के बारे में पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। उम्मीद है आप कोई आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आप को यह आर्टिकल पसंद आया है तो इससे जुड़े अन्य कोई डाउट हो तो कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। अगर यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही हो तो हमारे अन्य आर्टिकल भी जरूर देखें।

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