FTA full form in Hindi

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FTA full form in Hindi

F T A क्या है?
यहाँ पर हम व्यापारीकरण के अधीन विशेष प्रकार के लाभाविन्त मुद्दों पर चर्चा करने जा रहे है, जिसके सम्मिलित विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के व्यपार पर दो देशों के समकक्ष मुक्त व्यापार समझौते के बारे में जानकरी प्राप्त करेंगे।

F T A full form in English: Free Trade Agreement.
FTA full form in Hindi : “मुक्त व्यापार समझौता “है।
F T A यानी दुनिया के दो देशों के बीच व्यापारीकरण या व्यापारिक संधि, जिसके अंतर्गत विभिन्न देशों के बीच व्यापारीकरण होता, अनेक वस्तुओं का आयात – निर्यात होता हैं।
इसमे कई तरह की छूट प्रदान की जाती है, बहुत कम या न्यून सरकारी शुल्क तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं, जिसके तहत सामान सस्ता हो जाता हैं।
तो पहली कड़ी में हमने ये समझाने की कोशिश की है कि आखिर F T A ( Free Trade Agreement ) यानी की मुक्त व्यापार समझौता क्या है।

मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद के विपरीत है।

एक मुक्त व्यापार क्षेत्र क्या है ?
एक मुक्त व्यापार क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें विभिन्न देशों के एक समूह ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और एक दूसरे के बीच आपसी टैरिफ या कोटा के रूप में व्यापार के लिए बहुत कम या कोई बाधा नहीं है । मुक्त व्यापार क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और व्यापार से जुड़े लाभ के साथ – साथ श्रम और विशेषज्ञता के अंतर्राष्ट्रीय विभाजन की सुविधाजनक सेवाएँ प्रदान करते हैं । हालांकि , मुक्त व्यापार क्षेत्रों की आलोचना उन लागतों के लिए की गई है जो बढ़ती आर्थिक एकीकरण से जुड़ी हैं और मुक्त व्यापार को कृत्रिम रूप से प्रतिबंधित करने के लिए हैं।
हालांकि, एक मुक्त व्यापार नीति केवल किसी भी व्यापार प्रतिबंध की अनुपस्थिति हो सकती है।
कोई भी देश सभी प्रकार की वस्तुएं नहीं बना सकता है या कम से कम किमत पर बेहतरीन गुणवत्ता चाहने वाले उपभोक्ताओं के लिये अपनी सेवाएँ उपलब्ध नहीं करा सकता, इसी के अंतर्गत मुक्त व्यापारीकरण की आवश्यकता होती है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलती है और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है।
इसके लाभ को देखते हुए दुनिया भर के अनेक देश आपस में मुक्त व्यापार संधि (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि जिन दो देशों के बीच यह संधि की जाती है, उनकी उत्पादन लागत बाकी देशों के मुकाबले काफी हद तक सस्ती हो जाती है।

“लाइससेज़-फेयर ट्रेड” – एक सरकार को मुक्त व्यापार को बढावा देने के लिए अधिकारिक तौर पर कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है, इसे लाइससेज़-फेयर ट्रेड या व्यापार उदारीकरण के रुप में जाना जाता है।
आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में, कुछ मुक्त व्यापार समझौतौं के परिणामस्वरूप पुरी तरह से मुक्त व्यापार होता है, लेकिन जरुरी नहीं कि मुक्त व्यापार नीतियों या समझौता करने वाली सरकारें जरूरी नहीं कि वह व्यापारीकरण के सभी आयात व निर्यात निंयत्रणौ व सभी संरक्षणवादी नीतियौं को खत्म करदे।
हाल ही में ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौता फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए पहले दौर की बैठक हुई।
भारत के केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनकी ब्रिटेन की समकक्ष एनी-मेरी ट्रैवेलियन के बीच दोनों देशों की औपचारिकता रूप से बातचीत हुई है।
इस बैठक का मकसद दोनों देशों के अर्थव्यवस्था के बीच आर्थिक व्यापार को बढ़ावा देना है।
सूत्रों के मुताबिक पहले राउंड में लगभग 26 एरियाज को कवर किया गया है।

वर्ष 2022 के अंत तक एक व्यापक असंतुलित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर वार्ता समाप्त करने का टारगेट तय किया गया है।

2030 तक लगभग 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया गया।
भारत ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के वार्तालाप के अनेक खास बातें हैं, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण
जैसे
दोनों देशों के व्यापार और विकास में बढ़ोतरी।
डिजिटल प्रौद्योगिकी से जुड़े हुए मुद्दे।
इसके अंतर्गत लगभग 90% से अधिक टैरिफ लाइनों को कवर किए जाने की उम्मीद है।
डिजिटल प्रौद्योगिकी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा।
भौगोलिक संकेत,
बौद्धिक संपदा का अधिकार,
व्यापार के लिए तकनीक बाधाएं व व्यापारिक विकास,
इसका दायरा वस्तुओं सेवाओं और निवेशकों से आगे बढकर इन क्षेत्रों तक विस्तारित है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि भारत एक मुक्त व्यापार समझौते ( FTA ) के समापन हेतु विदेशी निति के साथ वार्तालाप कर रहा है, इसके अंतर्गत बताया गया है कि दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए 2030 तक अपने दोनों देशों के व्यापार को बढ़ाकर 2 गुना करने पर विचार विमर्श किए जाएंगे, दोनों देशों के स्टेटमेंट में कहा गया है कि यह व्यापारिक समझौता भारत से ब्रिटिश के लिए अनेक उत्पादन में वृद्धि की जाएगी जैसे ज्वेलरी चमड़ा टेक्सटाइल और इसी प्रकार कृषि उत्पादक के निर्यात में भी बहुत तेजी आयेगी, और दोनों देशों की व्यापारिक नीति को पूर्णता रूप से लाभ प्राप्त होगा ।
इसमें अरबो पाउंड के दोनों देशों के व्यापार को बढ़ाने के लिए अनुमानित माल व लोगों के लिए मुक्त आवाजाही के लिए मांग की जायेगी।
ब्रिटिश सरकार के अनुसार यह कारोबार ब्रिटेन के लिए एक सुनहरा अवसर बताया गया है।
इससे दोनों देशों के व्यापारिक नीति को अत्यंत मुनाफा हासिल होगा।

मुक्त व्यापार ( Free trade )
के विभिन्न फ़ायदे:-

विभिन्न देशों के प्रत्येक उपभोक्ता आयात बाधाओं व व्यापारिक समस्याओं को हमेशा पुर्णयता कम करने के पक्ष में ही रहते हैं, क्योंकि ऐसा होने पर बेहद प्रतिस्पर्धी मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उन्हें सहज – सुलभ रुप से प्राप्त हो जाते हैं।
मुक्त व्यापार समझौते पुर्ण रुप से सक्षम व विकासशील देशों के लिए सहायक होते हैं साथ ही इससे व्यापार हेतु गतिशीलता का वातावरण भी तैयार होता है।

मुक्त व्यापार (Free Trade) के समर्थकों का मानना है कि दूसरे देशों के उत्पादों के सरल व सुगम आयात से उपभोक्ताओं को निश्चित ही लाभ होता है । मुक्त व्यापार (Free trade) समझौते विदेशी निवेश के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं तथा व्यापार, उत्पादकता और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं।

मुक्त व्यापार निति को बढ़ावा देने से न केवल वैश्विक अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी, बल्कि सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं को इससे विशेषकर लाभ प्राप्त होगा
। दोनों देशों के बीच व्यापारिक प्रतिबंध को हटा कर वह बाजार तक माल को सुगम व सरल तरीके से पहुंचा कर व्यापार में लाभ प्राप्त कर सकते हैं, इससे दोनों देशों के अंतर्गत परोक्ष व अपरोक्ष रूप से रोजगार के अनेक अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं।
इस प्रकार दोनों देशों के बीच इस सुलभ व्यापारिक नीति को बढ़ावा देकर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौता से उपभोक्ताओं को अनेक निजी अवसर प्राप्त होंगे वह विभिन्न क्षेत्रों में इस व्यापारिक नीति से अपने निजी कार्य को अनेक क्षेत्रों में विस्तारित कर सकते हैं।
ऐसे देश जो वस्तुओं और सेवाओं के क्षेत्र में विशेषज्ञ है, वे मुक्त व्यापार समझौता के जरिए तुलनात्मक रूप से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं तथा अपनी व्यापारिक आय को बढ़ा सकते हैं।
जब हम बात मुक्त व्यापार की कर रहे हैं तो हमें इनके सिद्धांतों एवं वास्तविकताओं का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना होगा। राष्ट्र को आरसीईपी पर वार्ता को आगे ले जाना चाहिये, जिससे कि इस मुक्त व्यापार समझौते का लाभ सभी उपभोक्ताओं को प्राप्त हो सके।

Conclusion

आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा, इस आर्टिकल में हमने FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास किया है।
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